शरीर एवम् मन का रिश्ता (Relationship of Mind and Body)



 शरीर और मन: एक अटूट रिश्ता

जीवन में सबसे भरोसेमंद साथी आपका अपना जीवनसाथी होता है। यह एक ऐसा रिश्ता होता है जिसमें कभी तकरार तो कभी प्यार होता ही रहता है। ठीक ऐसा ही एक रिश्ता शरीर और मन का भी होता है। ये दोनों एक-दूसरे पर पूरी तरह निर्भर होते हैं। आइए देखें कि कैसे ये दोनों एक-दूसरे के सहारे चलते हैं, जैसे कोई जोड़ा एक-दूसरे के बिना अधूरा होता है।

मानसिक स्वास्थ्य का शारीरिक स्वास्थ्य पर प्रभाव

अगर कोई व्यक्ति हमेशा तनाव, चिंता, डिप्रेशन जैसी मानसिक समस्याओं से जूझ रहा हो, तो इसका असर उसके शरीर पर भी निश्चित होता रहता हैं।

१. हाई ब्लड प्रेशर और हृदय रोग

✓ मानसिक तनाव ब्लड प्रेशर की समस्या पैदा कर सकता है।

✓ अगर ब्लड प्रेशर को नियंत्रित न किया जाए, तो इससे हृदय रोग का खतरा बढ़ सकता है।

२. सिरदर्द और पाचन संबंधी समस्याएं

✓ अत्यधिक चिंता और तनाव से तेज सिरदर्द हो सकता है।

✓ एसिडिटी, कब्ज या डायरिया जैसी पाचन समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

३.  नींद की समस्या

✓ मानसिक तनाव के कारण रात में नींद नहीं आती।

✓ अगर नींद आ भी जाए, तो वह बीच-बीच में टूटती रहती है।

✓ दिनभर सुस्ती और नींद महसूस होती है।

४. आलस और थकान

✓ कमजोरी और थकावट लगातार बनी रहती है।

✓ किसी भी काम में मन नहीं लगता।

✓ हमेशा सुस्ती महसूस होती है।

शारीरिक स्वास्थ्य का मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव

अगर कोई व्यक्ति किसी गंभीर शारीरिक बीमारी से परेशान है, तो उसका असर उसके मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ता है।

१. डायबिटीज और हृदय रोग

✓ ये लंबे समय तक चलने वाली बीमारियां हैं, जिनमें लगातार दवाइयां और परहेज करना पड़ता है।

✓ इससे मन में निराशा आने लगती है।

✓ हमेशा अपने स्वास्थ्य की चिंता बनी रहती है, जिससे तनाव और डिप्रेशन हो सकता है।

२. शारीरिक दर्द और डिप्रेशन

✓ किसी हिस्से में लगातार दर्द होने से मन की खुशी खत्म होने लगती है।

✓ जोड़ों के दर्द के कारण साधारण गतिविधियां भी कठिन हो जाती हैं।

✓ सामाजिक जीवन से दूरी बन जाती है, जिससे हमेशा अकेलापन महसूस होने लगता है।

३. आत्मविश्वास की कमी

✓ समाज से कटे-कटे रहने का एहसास होने लगता है।

✓ परिवार और दोस्तों के बीच जाने का आत्मविश्वास खत्म हो जाता है।

✓ ऐसा लगने लगता है कि अब हमारी कोई जरूरत नहीं रही।

शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य सुधारने के उपाय

१. नियमित रुप सें व्यायाम करें

✓ आलस्य छोड़कर रोजाना व्यायाम करें।

✓ इससे शरीर सक्रिय रहता है और लचीलापन कायम रहता हैं।

✓ व्यायाम से सदैव मन प्रसन्न और शरीर स्वस्थ रहता है।

३. हमेशा संतुलित आहार लें

✓ भोजन को लेकर सतर्क रहें।

✓ क्या खाना चाहिए और किन चीजों से बचना चाहिए, इस पर ध्यान दें।

✓ सही आहार न केवल शरीर को स्वस्थ रखता है, बल्कि मन में भी खुशी और ताजगी बनाए रखता है।

३. नियमित योग और ध्यान करें

✓ योग एक आसान तरीका है जिससे शरीर और मन दोनों स्वस्थ रहते हैं।

✓ ध्यान करने से तनाव कम होता है और मन शांत रहता है।

✓ अच्छी गहरी नींद लें |

✓ पूरी रात की गहरी नींद बहुत जरूरी है।

✓ दिनभर सोने की आदत से बचें और छोटे-मोटे कामों में खुद को  सदैव व्यस्त रखें।

५. सामाजिक मेल-जोल कायम बनाए रखें |

✓ समाज में लोगों से मिलते रहें, बातचीत करते रहें।

✓ दोस्तों और परिवार के संपर्क में रहें।

✓ अकेलापन दूर करने के लिए किताबें पढ़ें, टीवी देखें या डायरी लिखें।

✓ शरीर और दिमाग को अच्छे कार्यों में व्यस्त रखें ताकि नकारात्मक विचारों के लिए कोई जगह न बचे।

निष्कर्ष:

✓ शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं।

✓ अगर मन खुश और स्वस्थ रहेगा, तो शरीर भी अच्छा रहेगा।

✓ अगर शरीर स्वस्थ रहेगा, तो मन भी शांत और स्थिर रहेगा।

इसलिए हमें इन दोनों का बराबर ध्यान रखना चाहिए। आखिरकार, हमारी सेहत की जिम्मेदारी हमारी अपनी जिम्मेदारी है।

• आपके अच्छे स्वास्थ्य और शांत मन के लिए ढेरों शुभकामनाएं!

धन्यवाद।

गूगल डॉट कॉम का तहे दिल से शुक्रिया।

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